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Thursday, 8 February 2018

चिड़िया का घर



चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ आती है
जहाँ से फर-फर!


चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ जाती है-
जहाँ को फर-फर!



वन में खड़ा है जो
बड़ा-सा तरुवर,
उसी पर बना है
खर-पातों वाला घर!



उड़-उड़ आती हूँ
वहीं से फर-फर!
उड़-उड़ जाती हूँ

वहीं को फर-फर!

लेखक -हरिवंशराय बच्चन


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